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धातु निष्कर्षण किसे कहते हैं और धातु निष्कर्षण किन-किन विधियों द्वारा किया जाता है?

धातु निष्कर्षण किसे कहते हैं (Calls for metal extraction) और धातु निष्कर्षण विधियों द्वारा किया जाता है Metallurgy or Extraction of Metal in Hindi

हम आपको इस पोस्ट का दर्शन कराने से पहले हम अपने भाई- बहनों और बड़े गुरुजनों का ध्यान वाद करते हैं कि आप हमारे धातु निष्कर्षण किसे कहते हैं पढ़ने के लिए हमारे पोस्ट पर आये हैं मेरे भाई- बहनों और बड़े गुरुजनों आज हम आपको धातुओं का निष्कर्षण और धातु निष्कर्षण की विधियां हिंदी में इसके सारी जानकारी आपको step by step compleat information के साथ प्रदान करेंगे जिससे आपको और किसी पोस्ट पर जाने की आवश्यकता ही नहीं पड़ेगी।

चलिए अब आपका अधिक समय ना लेते हुए धातु निष्कर्षण किसे कहते हैं (Extraction of metals)इसे बताना प्रारंभ करते हैं।

धातु निष्कर्षण किसे कहते हैं?

धातुओं का निष्कर्षण (Extraction of metals): धातुओं को उनके प्राकृतिक स्रोत से विभिन्न रासायनिक परिवर्तनों का प्रयोग करके प्राप्त करना धातुकर्म अथवा धातु निष्कर्षण कहलाता है।

क्या आपको पता है कि प्रकृति में धातुएं दो प्रकार की होती हैं (There are two types of metals)

  1. मुक्त अवस्था में।
  2. खनिज अवस्था में।

#1. मुक्त अवस्था में (In free state)– इन तत्वों की रासायनिक सक्रियता(reactivity) बहुत कम होती है उदाहरण सोना प्लैटिनम चांदी आदि । उत्कृष्ट धातुएं प्रकृति में मुक्त अवस्था में पायी जाती है। कहीं- कहीं पर कापर भी मुक्त अवस्था में पाया जाता हैं।

#2. खनिज अवस्था में (खनिज किसे कहते हैं)- वे धातुएं जिनकी विधुत – धनात्मकता उच्च अथवा रासायनिक सक्रियता अधिक होती है प्रकृति में संयुक्तावस्था में पायी जाती है प्रकृति में पाए जाने वाले इनके यौगिक खनिज(Minerals) कहलाते हैं

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अयस्क किसे कहते हैं?

वे खनिज जिनसे धातुओं का निष्कर्षण आसान तथा आर्थिक दृष्टि से लाभ दायक हो, अयस्क (ores) कहलाते हैं। अतः सभी अयस्क खनिज होते हैं, किन्तु सभी खनिज अयस्क नहीं होतेउदाहरणार्थ- बाक्साइट(Al2O3.2H2o) तथा क्ले (clay) (Al2O3.2Sio2.2H2O) दोनों एलुमिनियम के खनिज है

किंतु एलुमिनियम को बाक्साइट से (आर्थिक दृष्टि कोण से) आसानी से प्राप्त किया जा सकता है,क्ले से नहीं। अतः बाक्साइट अयस्क हैं क्ले नहीं है|

मेरे दोस्तों आपको हमने बताया कि धातु निष्कर्षण किसे कहते हैं? अब आपको धातु निष्कर्षण के बारे बारिकी से बतायेगें इस लिए आप पोस्ट पर बने रहें।

गैंग क्या है? (What is Gangue in Hindi)- पृथ्वी की सतह से खनिजों को अलग करते समय इनके साथ मिट्टी, कंकड़ इत्यादि अपद्रव्य भी मिले होते हैं जिन्हें गैंग कहते हैं।

अयस्कों का वर्गीकरण (Classification of ores)

प्रकृति में पाये जाने वाले अयस्कों को निम्न प्रकार वर्गीकृत किया जा सकता है-

(A) आक्सीजन युक्त अयस्क (Ores Contains Oxygen)

  1. आक्साइड तथा हाइडाक्साइड- Fe,Cu,Zn,Ni,Bi,Cd,An.
  2. कार्बोनेट- Fe,Cu,Zn,Pb,Ca,Mn,Mg.
  3. सिलिकेट- Cu,Zn,Ni,Al,Li,Na,K,Be.
  4. सल्फेट-Mg,Ba,Ca,Pb.

(B) हैलाइड- Ag,K,Mg,Na तथा Al धातुओं के आधार पर अयस्कों को निम्न प्रकार से दिखाया गया है जिससे आपको अच्छे तरीके से समझ में आये।

  1. क्षार धातुएं- क्षार धातुएं (Alkali metals) मुख्यत: क्लोराइड, कार्बोनेट,सल्फेट के रूप में मिलती है।
  2. क्षारीय मृदा धातुएं( alkaline earth metals)- मुख्यत: कार्बोनेट तथा सल्फेट के रूप में पायी जाती है।
  3. Al,Cr and Mn- आक्साइड के रूप में।
  4. Cu,Fe,Pb and Ag- मुख्यत: सल्फाइड के रूप में, परन्तु Fe आक्साइड तथा कार्बोनेट के रूप में भी पाया जाता है जबकि Cu भी कार्बोनेट के रूप में पाया जाता हैं।
  5. pt,Au- कम सक्रियता के कारण ये मुक्त अवस्था में पायी जाती हैं।

अब तक आपको धातु निष्कर्षण किसे कहते हैं इसको तो बताया ही है लेकिन इसके साथ ही सभी अलग-अलग प्रकार के अयस्कों के बारे जानकारी देंगे।

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सोडियम के अयस्कों के नाम और सूत्र

अयस्कों के नामसूत्र
रांक साल्ट(Rack Salt)-Nacl
ट्रोना(Trona)-Na2CO3.NaHCO3.2H2O
चिली शोरा(Chile Salt Peter)-NaNO3
कायोलाइट(Cryolite)-Na3AlF6
ग्लाबराइट(Glauberite) –Na2SO4.10H2O
धावन सोडा(Washing soda)-Na2CO3.10H2O
सुहागा अथवा बोरेक्स (Borax)-Na2B4O7.10H2O

पोटैशियम के अयस्कों के नाम और सूत्र

  • शोनाइट (Schonite)- K2SO4
  • सिल्वाइन( Sylvine)- KCl
  • फेल्सपार( Feldspar)- K2O.Al2O3.6SiO2
  • भारतीय शोरा(Indian Salt)- KNO3

मैग्नीशियम के अयस्कों के नाम और सूत्र

  • एप्सम लवण -MgSO4.7H2O
  • मैग्नेटाइट(Magnesite)- MgCO3
  • डोलोमाइट(Dolomite)-MgCO3.CaCo3
  • किजेराइट (Kieserite)-MgSO4.H2O
  • एस्बेस्टस(Asbestos)- CaSiSo3.3MgSiO3

कैल्सियम के अयस्कों के नाम और सूत्र

  • जिप्सम (Gypsum)-CaSO4.2H2O
  • लाइमस्टोन (Limestone)- CaCo3
  • फ्लुओरस्पार(Fluorspar)- CaF2
  • फास्फोराइट(Phosphorite)- Ca3(po4)2

धातु निष्कर्षण किन-किन विधियों द्वारा किया जाता है?

अयस्क से शुद्ध धातु के निष्कर्षण के लिए विभिन्न भौतिक तथा रासायनिक विधियां द्वारा प्रयोग की जाती है जो अयस्क की प्रकृति, धातु के गुणों इत्यादि पर निर्भर करती है सामान्यतः धातु कर्म के लिए निम्नलिखित पदों का प्रयोग होता है।

  1. अयस्क का पीसना(Crushing of ore)
  2. अयस्क का सांद्रण(Concentration of ore)
  3. निस्तापन(Calcination)
  4. भर्जन(Roasting )
  5. प्रगलन(Smelting)
  6. सिन्टरन ( Sintering)
  7. अपचयन(Reduction)
  8. शोधन (Purification)

#1.अयस्क का पीसना (Crushing of ore)- धातु कर्म में सबसे पहले खानों से प्राप्त अयस्क के बड़े -बडे टुकड़ों को छोटे-छोटे टुकड़ों में तोड़ा जाता है तथा फिर दलितों तथा स्टांप मिल में इन्हें पीसा जाता है जिससे अयस्क का पाउडर प्राप्त होता है।

#2.अयस्क का सान्दण( Concentration of ore)- को गैंग से अयस्क पृथक करना अयस्क का सांद्रण कहलाता है सांद्रण के लिए प्रयोग की गई विधि अयस्क की प्रकृति पर निर्भर करती है। सान्दण के लिए प्रयोग की जाने वाली कुछ सामान्य विधियां इस प्रकार हैं-

हाथ की सहायता से- यह विधि सामान्यतः प्रयोग में नहीं लायी जाती, क्योंकि इसमें समय बहुत अधिक लगता है तथा प्राप्त सान्दित अयस्क की गुणवत्ता भी उच्च नहीं होती।

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धीरे-धीरे आपको पता चल रहा होगा। कि धातु निष्कर्षण क्या है और यह किन किन विधियों द्वारा किया जाता है और आगे चलकर आपको इसके बारे में और भी जानकारी देंगे।

गुरुत्व पृथक्करण विधि किसे कहते हैं और उदाहरण

यह विधि आयोग तथा गायक के आपेक्षिक घनत्व पर अंतर पर आधारित है किस वेद में पूछे गए अयस्क को पानी की धारा में धोया जाता है जिससे हल्का गए घुस के साथ बह जाता है जबकि भारी अयस्क नीचे बैठ जाता है

सामान्यतः ऑक्साइड तथा कार्बोनेट अयस्क का सांद्रण इसी विधि से किया जाता है उदाहरण- Fe2O3,Fe3O4,SnO3 आदि भारी अयस्क का सांद्रण इसी विधि के द्वारा किया जाता है अयस्क के सांद्रण की यह विधि लेवीगेशन (levigation) भी कहलाती हैं।

फेन प्लवन विधि क्या है?

इस विधि द्वारा हल्के अयस्कों का सांद्रण किया जाता है यह विधि अयस्कों तथा गैंग की सतहों की किसी द्रव से भीगने की प्रवृति पर आधारित है।

इस विधि से उन अयस्कों का सांद्रण किया जाता है जिनकी सतह जल – विरोधी(Hydrophobic) होती है। तथा उनमें उपस्थित गए की सतह जल स्नेही( hydrophobic) होती है।

हम आपको बताना चाहते हैं कि इस विधि द्वारा सान्दण करने के लिए बारीक पिसे हुए अयस्क को जल से भरे एक टैंक में डालकर उसमें थोड़ा चीड़ का तेल और थोड़ा पोटेशियम एथिल जैन्थैट(Potassium ethyl xanthate) मिलाकर इसमें वायु की प्रबल धारा प्रवाहित करते हैं।

जल में मिलाया गया तेल पृष्ठ तनाव को कम कर देता है तथा अयस्क की सतह तेल से भी जाती है तथा ये कण झाग के रूप में ऊपर आ जाते हैं, जबकि गैंग जल से भी कर जल के साथ नीचे बैठ जाता है।

चुंबकीय पृथक्करण विधि कैसे की जाती है

यह विधि अयस्कों के लिए प्रयोग की जाती है जिनमें अयस्क अथवा उनमें उपस्थित गैंग किसी एक की प्रकृति लौह चुंबकीय होती है। इस विधि द्वारा सामान्यतः चुंबकीय और अनु चुंबकीय प्रकृति के पदार्थों का पृथक्करण किया जाता है। उदाहरण- चुंबकीय अयस्क बोलफेमाइट (FeWO4) को कैसिटेराइट(SnO3) से चुंबकीय विधि द्वारा अलग किया जा सकता है।

इस विधि में अयस्क को बारीक पीसकर एक धूमते हुए पट्टे पर डाला जाता है। इससे चुंबकीय और अचुंबकीय पदार्थ अलग हो जाता है।

लीचिंग (Leaching)क्या है? और इसके उदाहरण

अयस्क के सांद्रण की यह विधि रासायनिक परिवर्तन पर आधारित है इस विधि में पीसे गये अयस्क की उचित अभिकर्मक के साथ क्रिया कराते हैं। उदाहरण- बॉक्साइट के सांद्रण के लिए इसकी क्रिया 45% सोडियम हाइड्रोक्साइड से कराते हैं जिससे अल्युमिनियम ऑक्साइड सोडियम मेटा एलुमिनेट में परिवर्तित हो जाता है
Al2O3.2H2O+2NaOH-2NaAl2+3H2O
NaAlO2+2H2O-Al(OH)3+NaOH
2Al(OH)3-Al2O3+3H2O
सोडियम मेटा- ऐलुमिनेट का जल अपघटन करने पर यह एल्यूमीनियम हाइड्रोक्साइड देता है। जिससे गर्म करने पर शुद्ध अल्युमिनियम ऑक्साइड प्राप्त होता है।

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निस्तापन किसे कहते हैं?

निस्तापन प्रक्रम में अयस्क को उसके गलनांक से कम ताप पर वायु की अनुपस्थिति में गर्म करते हैं। इससे अयस्क में उपस्थित नमी तथा अन्य वाष्पशील अपद्रव्य उड़ जाते हैं तथा धातु कार्बोनेट व धातु हाइड्रोक्साइड ऑक्साइड में परिवर्तित हो जाते हैं।

भर्जन की प्रक्रिया कैसे होती हैं?- धातु निष्कर्षण में यह भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है अयस्क को वायु की नियंत्रित मात्रा की उपस्थिति में उसकी गलनांक से कम ताप पर गर्म करना भर्जन कहलाता हैं। उदाहरण- कॉपर पायराइट (2CuFeS2+O2-Cu2S+2FeS+SO2) यह क्रिया परावर्तनी भट्टी में और कभी-कभी परावतनी भट्टी में भी कराई जाती है।

प्रगलन की क्रिया किस भट्टी में करायी जाती हैं-इस क्रिया में अयस्क को उचित गालक तथा कोक साथ मिलाकर उच्च ताप पर गर्म करते हैं इस क्रिया में कोक अपचायक का कार्य करता है तथा गालक अयस्क में उपस्थित अगलनीय गैंग के साथ क्रिया करके धातु मल बनाता है। इस क्रिया को वात्या भट्टी में कराई जाती है। उदाहरण- C+O2-CO3
CO2+C-2CO

सिन्टरन किसे कहते हैं?-सभी विधियों से जो छोटे-छोटे कण हैं उन्हें आपस मिलाकर बड़ा कण बनाने की विधि को सिन्टरन कहते हैं।

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आपने क्या सीखा

हम उमीद करते हैं धातुओं का निष्कर्षण(Extraction of metals) और धातु निष्कर्षण की विधियां की जानकारी आपको बेहद पसंद आई होगी इस पोस्ट में हमने आपको बताया धातु निष्कर्षण किसे कहते हैं और धातु निष्कर्षण किन- किन विधियों द्वारा किया जाता है और इसके बारे में पूरी जानकारी दें दिया है। हम आपको प्रार्थना करते हैं कि आपको अगर कुछ भी नहीं समझ आया है तो कमेंट बॉक्स में बताइए हम से संपर्क करें और अगर आपको पोस्ट पसंद आया है तो लाइक और सब्सक्राइब जरूर कीजिए जिससे आपको हमारी पोस्ट की नई अपडेट मिलती रहेगी।

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