दो या दो से अधिक पदार्थों का जो समांगी मिश्रण होता है उसे हम विलयन कहते हैं विलयन के प्रत्येक भाग की रचना तथा गुण दोनों समान होते हैं। जो विलयन का संपूर्ण भाग होता है वह विलेय और विलायक के रासायनिक गुणों को प्रदर्शित करता है
जो विलयन का संघटन होता है वह विलेय और विलायक पर निर्भर होता है इसी कारण वह परिवर्तित हो जाता है जो विलयन की घटकों की प्रकृति होती है वह कई विलयन में परिवर्तित हो जाती है और कई विलयन में परिवर्तित नहीं होती है।
उदाहरण- चीनी के जलीय विलयन में चीनी अणुओं के रूप में ही रहती हैं. जबकि NACl के जलीय विलयन में NACl अणों के रूप में ना रहकर आयनों के रूप में रहता है. विलयन के जिस घटक की मूल भौतिक अवस्था बिलयन जैसी होती है उसे विलायक कहते हैं तथा दूसरे घटक को विलेय कहते हैं।
उदाहरण- जो नमक का जलीय विलयन होता है. उसे विलेय कहते हैं तथा उसमें जो जल है. वह विलायक कहलाते हैं
विलयन में उपस्थित दोनों घटकों की मूल भौतिक अवस्था समान होने की स्थिति में जो घटक अधिक मात्रा में होता है वह विलायक तथा दूसरा घटक विलय कहलाता है।
उदाहरण- जो 10% एल्कोहल का विलयन होता है उसमें एल्कोहल विलेय तथा जो जल होता है उसे विलायक कहते हैं
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Types of solutions
दो ठोस मिलकर हमेशा विषमांगी मिश्रण बनाते हैं
ठोस विलयन (solid solution)- ठोस विलयन वे ठोस होते हैं. जिनमें एक घटक दूसरे घटक में परमाण्विक स्तर पर वितरित होता है इस प्रकार के ठोसों में क्रिस्टलीय जालक के जालक बिंदु विभिन्न परमाणु द्वारा भरे होते हैं ठोस विलयन के सबसे महत्वपूर्ण उदाहरण सिल्वर और पीतल है सभी मिश्र धातु में ठोस विलयन नहीं होते हैं।
ठोस विलयन दो प्रकार के होते हैं।
- प्रतिस्थापनीय ठोस विलयन (Substitutional Solid Solutions)
- अंतराकाशी ठोस विलियन(Interstitial Solid Solution)
Substitutional Solid Solutions (प्रतिस्थापनीय ठोस विलयन)- इस प्रकार के ठोस दिनों में एक पदार्थ के क्रिस्टल जालक में दूसरे प्रकार के ठोस के परमाणु को कुछ स्थानों पर प्रतिस्थापन कर देते हैं। उदाहरण- पीतल ,कांसा ,स्टील आदि।
Interstitial solid solution ( अंतराकाशी ठोस विलियन) – वे ठोस विलयन जिनमें एक प्रकार के ठोस के क्रिस्टल जालक में दूसरे प्रकार के ठोस के परमाणु अथवा आयन स्थान प्राप्त कर लेते हैं ।
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विलेयता ( Solubility)- किसी पदार्थ की वह अधिकतम मात्रा जो निश्चिंत ताप पर ,100 ग्राम विलायक में घुल जाती है पदार्थ की विलेयता (solubility) कहलाती है।
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