Tree story in Hindi प्यारे बच्चों! आज आप एक पेड़ का कहानी (story of a tree) पढ़ने वाले हैं इस कहानी में मिलने वाली शिक्षा, हम सभी के लिए जरूरी हैं। हमें उम्मीद है आपको आज की यह कहानी पसंद आएगी।
तो चलिए Tree Ki Kahani /एक पेड़ की कहानी का शुरुआत करते हैं। Tree Story in Hindi with Moral for Kids.
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एक पेड़ की कहानी । Tree story in Hindi
मार्च का महीना था। एक सुबह, अमन अपने घर के सामने वाले बाग में टहलने के लिए गया। उस दिन मौसम बहुत सुहावना था। हलकी-हलकी हवा चलने से पेड़-पौधे झूम रहे थे। ऐसा सुंदर सुहानी नजारा देखकर अमन बोल पड़ा, “वाह -वाह! पेड़ हैं धरती की शान, इनसे ही मेरा जीवन और जहान!
अमन की बातें आस-पास के पेड़ सुन रहे थे। एक पेड़ बोला, “तुम्हारा बहुत-बहुत धन्यवाद कि तुमने हमारी उपयोगिता समझी। यहाँ बहुत से बच्चे रोज़ घूमने और खेलने आते हैं, परंतु आज तक किसी ने ऐसी बात नहीं कही। तुम अच्छे बच्चे लगते हो। अगर तुम्हें जल्दी नहीं हैं तो, क्या तुम एक कहानी सुनोगे?”
कहानी का नाम सुनते ही अमन बहुत खुश हुआ। वह बोला, “हाँ-हाँ, आप क्या हमें कहानी सुना सकते हैं, लेकिन यह बताए आख़िर यह कहानी किसकी है?” तब पेड़ ने कहा, “मैं तुम्हें पेड़ों की कहानी सुनाना चाहता हूँ! क्या तुम हमारी कहानी सुनोगे?”
जब भी कहनी की बात आती हैं बच्चे सभी कामों को भुलाकर कहानी सुनाने के लिए अपना समय निकल ही लेते हैं अमन के साथ भी ऐसा ही हुआ। अमन खुशी-खुशी से कहानी सुनने को तैयार हो गया।
फिर वह पेड़ अमन सहमति लेकर अपनी कहानी सुनाना शुरू कर दी।
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आज हम तुम्हें सुंदर दिख रहे हैं। तुम हमारी सुंदरता पर मुग्ध हो रहे हो। जानते हो, हमें ऐसा रूप प्राप्त करने में बहुत समय लगा है। प्रारंभ में तो हम केवल नन्हे बीज थे, फिर इस बाग के माली ने हमें मिट्टी में गाड़ दिया। वहाँ अंधकार में पड़े-पड़े हम ऊब गए थे, फिर हमारे ऊपर वर्षा का पानी गिरा। पानी पाकर हमारी नींद टूट गई
और प्यास भी बुझ गई। पानी का स्पर्श पाकर हम कुछ शीतल हुए और छोटे-छोटे अंकुरो के रूप में बाहर झाँकने लगे।
जब हम भूमि के अंदर थे, तब बाहर के दृश्यों को देखने की हमारी बहुत इच्छा थी। अब वह इच्छा पूरी होने लगी थी। धीरे-धीरे हम अंकुरों से पौधे बने। धूप, वर्षा, सर्दी झेलते हुए हम बहुत धीरे-धीरे बढ़ते रहे और कई सालों के बाद आज हम विशालकाय पेड़ बन चुके हैं।
हम सभी अपनी छाया से तुम्हें हमेशा सुख प्रदान करते रहते हैं। हम तुम्हारे द्वारा छोड़ी गई अशुद्ध वायु को ग्रहण कर तुम्हें शुद्ध वायु प्रदान करते हैं। हम इतना महत्त्वपूर्ण काम करते हैं, लेकिन लोग पैसों के लालच में हमें कटवा देते हैं।
वे यह नहीं जानते कि ऐसा करके कुछ रुपये तो ज़रूर कमाए जा सकते हैं, परंतु स्वास्थ्य की जो हानि होगी, उसकी भरपाई संसार के किसी भी धन से भी नहीं हो पाएगी!
लोगों की सेवा करना हमारा परम उद्देश्य है। कभी-कभी तो लोगों की सेवा करने में हम अपने तन को भी कटवाने के लिए तैयार हो जाते हैं। यहाँ तक कि हमारी मृत्यु के बाद भी हमारे शरीर तुम सबके काम आते हैं।
हम सब तुमसे प्रार्थना करते हैं कि तुम अपने आस-पास रहने वाले लोगों और अपने मित्रों को समझाओ कि
हमारी संख्या कभी भी कम न होने देगें, क्योंकि अगर हम ही नहीं रहेंगे, तो पुरे संसार में कुछ भी नहीं रहेगा……
लोग शुद्ध भोजन, जल और हवा के लिए भी तरस जाएँगे!
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इन सभी समस्याओं का समाधान पाने के लिए ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाओ, उनकी देखभाल करण शुरू करो और हर प्रकार का लाभ उठाओ!
इतना कहकर पेड़ चुप हो गया। अमन ने प्रतिज्ञा की, ‘मैं हर रविवार एक पौधा लगाऊँगा और नियमपूर्वक सबकी देखभाल करूँगा!’
प्यारे बच्चों! अगर तुम भी अमन की तरह शुद्ध वातावरण और शुद्ध भोजन करना चाहते हो, तो जब भी तुम्हें समय मिले, अपने पास के किसी बाग, बगीचे या अपने घर के गार्डन में जाओ और पौधे लगाओ। पौधे लगाने व उनकी देखभाल करने में बाग का माली तुम्हारी सहायता ज़रूर करेगा।
इस कहानी से सीख :- हमें पेड़ों को काटना नहीं चाहिए। इनको बचाना जिम्मेदारी है क्योंकि पेड़ नहीं रहेंगे तो हम भी नहीं रहेंगे।
तो बच्चों आपको यह पेड़ की कहानी (tree story in Hindi) कैसा लग आप नीचे कमेंट करके बता सकते हैं, हम ऐसे ही नई-नई कहानी आपके लिए लाते रहेंगे।