मजेदार छोटी-छोटी कहानी story in hindi को सुनना और पढ़ना किसको पसंद नहीं हैं खासकर छोटे बच्चे तो कहानियों के दीवाने होते है। जब आप भी छोटे बच्चे थे, तब आपको भी आपके घर के बुजुर्ग दादा-दादी, पापा मम्मी, आदि ने खूब सारी परियों के कहानी, चालक लोमड़ी की कहानी, अकबर बीरबल की कहानी, राजा रानी की कहानी, भालू और शेर के कहानी, पंच तंत्र के कहानी आदि अच्छी-अच्छी ज्ञानवर्धक प्रेरणादायक छोटी कहानियाँ (Short Stories) सुनाई ही होंगी।
जिन्हें सुनकर आप अपनी सुनहरी कल्पनाओं में खो जाते होगे। भले ही दादा दादी की सुनाई जाने वाली कहानी छोटी थी. लेकिन उनमें मिलने वाली शिक्षा आज भी काम आती हैं और जीवन में काफी उपयोगी हुआ करती हैं।
प्राचीन समय में दादी-नानी द्वारा सुनाए गए कहानियों से छोटे-छोटे बच्चे अपना मनोरंजन किया करते थे और नैतिक शिक्षा प्राप्त किया करते थे।
लेकिन वक्त बदल गया है, आज के बच्चे अपना अधिकतम समय सोसल मीडिया और इन्टरनेट पर बिताने लगे हैं।
ऐसे में छोटे- बच्चों को पुरानी और नई. अच्छी-अच्छी मज़ेदार कहानियां और ज्ञानवर्धक स्टोरी जो प्रेरणा से भरी हैं इस आर्टिकल के ज़रिए बताने वाले हैं। Short Inspirational Stories in Hindi
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SN | प्रेरणादायक हिंदी कहानी संग्रह (Inspirational Motivational Hindi Kahani) |
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1 | सिकन्दर और पोरस कहानी |
2 | कबीरदास का जीवन परिचय |
3 | कोई भी धंधा छोटा नहीं होता |
4 | Hazari Prasad Dwivedi Biography |
5 | तेनालीराम की कहानियाँ |
6 | एक पेड़ की कहानी |
7 | सच्ची मित्रता पर छोटी कहानी |
प्रेरणादायक छोटी-छोटी कहानी संग्रह कथा स्टोरी | Short Story In Hindi Collection
इस पेज पर ही खूब सारी अच्छी-अच्छी ज्ञानवर्धक प्रेरणादायक छोटी कहानियाँ और मजेदार किस्सा कहानी Story In Hindi पढ़ने को मिलेगी, आपको और आपके बच्चे को यह कहानियां पढ़कर खूब मजा आने वाला हैं।
साथ ही हर कहानी के अंत में आपको नैतिक सीख भी दी गयी हैं. ताकि आप कहानी से अच्छी प्रेरणा भी प्राप्त कर सकें।
तो चलिए शुरू करते है, प्रेरणादायक हिंदी कहानी संग्रह कथा स्टोरी | Hindi Kahani or Story Collection मजेदार छोटी-छोटी कहानी का मनोरंजक सफर
प्यासा कौआ की कहानी
एक बार की बात हैं, भीषण गर्मी पड़ने के करण पूरा जंगल में सूखा पड़ चुका था। सभी जीव जंतु प्यासे थे और पानी के लिए तड़प रहे थे।
वहीं एक कौवा भी बहुत प्यासा था। काफी ढूंढने पर भी उसको कहीं पानी का नामोनिशान नहीं मिल पा रहा था। सभी तालाब सूखे पड़े हुए थे।
पानी के तलाश में पूरा दिन इधर-उधर घूमते हुए पास के गांव में जा पहुंचा। उसे वहां आखिरकार एक घड़ा दिखाई दिया।
लेकिन ये क्या – उस घड़े में बहुत थोड़ा मात्रा में ही पानी था। दुर्भाग्य से घड़े का मुँह भी बहुत छोटा था। इसीलिए कौवा की चोंच पानी तक नहीं पहुँच पा रही थी।
क्या कौवा पानी पी पायेगा ? आप यही सोच रहे हों ना. देखते हैं आगे पढ़िए
अब वह बड़े ध्यान से सोचने लगा आखिर घड़े में से पानी कैसे पिया जाए। तभी उसे एक उपाय सूझा।
उसने देखा की पास ही पत्थर के कुछ छोटे-छोटे टुकड़े पड़े थे। थोड़ी मेहनत का काम था लेकिन सफलता मिल सकती थी. यह सोच कर कौवा ने एक पत्थर उठाया और घड़े में डाल दिया।
यह क्या – सफलता 🙂 एक पत्थर डालने से पानी थोड़ा सा ऊपर आने लगा।
अब और क्या था, कौवा लगातार पत्थर डालता गया।
देखते ही देखते घड़े में से पानी इतना ऊपर आ गया कि कौवा की चोंच वहाँ तक पहुँच गई।
प्यासे कौवा ने पानी पिया और अपनी प्यास बुझाई और वहां से जंगल की ओर उड़ गया।
शिक्षा
अगर आप संयम का साथ थोड़ा दिमाग लगाएंगे तो हर परेशानी का हल संभव है।
चालाक लोमड़ी
एक बार एक लोमड़ी अनजाने में एक गहरे से गड्ढे में गिर गई, वे बाहर निकलने की पूरी कोशिश करती परंतु विफल हो जाती।
कुछ देर बाद एक बकरी वहां से गुज़री उसने लोमड़ी को गड्ढे में देखी और पूछी कि वह नीचे क्या कर रही है। ” ओह, क्या तुमने नहीं सुना?”
फिर लोमड़ी ने मुस्कुराते हुए कहा; “बहुत सूखा पड़ने वाला हैं ना, इसलिए मैं गर्मी से सुरक्षित रहने और पानी पीने के लिए यहाँ नीचे गड्ढा में कूद गई हूं। ऐसा करो तुम भी नीचे आ ही जाओ”
बकरी उसकी सलाह को सही मानी और गड्ढा में कूद गई। लेकिन लोमड़ी ने तुरंत उसकी पीठ पर छलांग लगा दी, और उसके लंबे सींगों पर अपना पैर रखकर गड्ढा के किनारे तक कूदने में कामयाब हो गई।
चालाक लोमड़ी जाते-जाते बकरी को अलविदा कहा और अगली बार हमेशा याद करने को कहते हुई चली गई।
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शिक्षा:-
मुश्किलों में फंसे आदमी की सलाह पर कभी भरोसा न करें
लालची कुत्ता
एक कुत्ता को रास्ते में रोटी का एक टुकड़ा पड़ा मिल गया। उन्होंने रोटी का एक टुकड़े मुंह में लिया और भागता हुआ वह एक नदी के किनारे खाने चला गया। नदी के किनारे पानी में अपनी परछाई देख लिया।
अपनी परछाई को देखकर वह सोचने लगा वहां कोई दूसरा कुत्ता है। जिसके मुँह में भी रोटी का एक टुकड़ा हैं।
अगर वह उसकी रोटी भी छीन लेना में सफल हो जाए तो उसके पास पूरी रोटी हो जाएगी। यह सोचकर उसने अपना मुंह खोल कर भोंकना शुरू कर दिया।
अब और क्या था: जैसे ही उसने अपना मुँह खोला वैसे ही उसकी रोटी भी नदी के पानी में गिर गयी।
कुत्ता बेचारा निराश हो गया, पूरी रोटी के चक्कर में वह अपना आधी रोटी भी नहीं पा सका।
सीख(Moral of the Story)
हम जीवन में कभी भी अधिक लालच नहीं करना चाहिए।
चींटी और तोता की कहानी
एक जंगल में चींटियों का झुंड रहा करता था चींटियों का झुंड से हटकर एक चींटी पानी पीने के लिए नदी के किनारे गई। किनारे पर नदी के बहाव के कारण वह नदी में बहने लगी।
ऊपर से एक तोता यह सब देख रहा था और उसने चींटी की मदद करने की सोचा उसने नदी के पानी में एक पत्ती गिरा दी। चींटी पत्ती के ऊपर चढ़कर किनारे आ गयी और तोता को अपनी जान बचाने के लिए धन्यवाद दी।
इसके पश्चात एक दिन शिकारी जंगल में शिकार के लिए आया था। तभी उसकी नजर तोता पर पड़ी और उसने तोता पर निशाना लगाया।
यह सब चींटी ने देख लिया और उसने शिकारी के पाँव में जोर से काटा। शिकारी के चिल्लाने से तोता सतर्क हो गया और दूर आकाश में उड़ गया।
इस प्रकार चींटी ने शिकारी से तोता की जान बचायी।
सीख (Moral of the story)
हमेशा दयालुता का परिचय देना चाहिए। नेकी हमेशा ही काम आती है।
सीख:- (Moral of the story)
हमेशा दयालुता का परिचय देना चाहिए। नेकी हमेशा ही काम आती है।
चालाक लोमड़ी
एक बार एक कौवा को रोटी का टुकड़ा मिला रोटी के टुकड़े को खाने के लिए उसने एक पेड़ की डाली पर जा बैठी।
तभी वहां से एक लोमड़ी गुजर रही थी। कौए के मुँह में रोटी का टुकड़ा देखकर लोमड़ी ने कहा ” अरे कौए भाई- अपनी मीठे बोली सुना दो”
लोमड़ी के मुँह से अपनी तारीफ सुनकर कौवा बहुत खुश हुआ बोलने के लिए जैसे ही अपना मुँह को खोला रोटी का टुकड़ा नीचे गिर गया।
अब और क्या था, चालाक लोमड़ी रोटी का टुकड़ा लेकर भाग गयी। और लोमड़ी ने रोटी का टुकड़ा प्राप्त कर ली।
सीख:-
हमेशा बुद्धिमानी से काम लेना चाहिए। बिना सोचे-समझे दूसरों की बातों में आने से हम अपना ही नुकसान करवा बैठते है।
हमेशा बुद्धिमानी से काम लेना चाहिए। बिना सोचे-समझे दूसरों की बातों में आने से हम अपना ही नुकसान करवा बैठते है।
हमें उम्मीद हैं ये मजेदार छोटी कहानियां “Short Inspirational Stories in Hindi” आप को बेहद पसंद आ रही होगी।
व्यापारी और गधा
एक गांव में गरीब व्यापारी था जो नमक का व्यापार करता था। उसके पास एक गधा था। जिसपर वह व्यापार का सामान रखकर, अपना छोटा मोटा व्यापार करने शहर जाया करता था।
हर बार वह अपने गधे पर नमक लादकर शहर ले जाकर बेचता था हर बार की तरह एक दिन गधा के पीठ पर नामक का बोरा लादकर शहर जा रहा होता है तभी रास्ते में एक नदी पार करने वक्त गधा का पैर पिछल जाने से पानी में गिर जाता हैं।
पानी में गिरने के कारण सारा नमक पानी में घुल जाता गया और गधे का बोझ हल्का हो जाता हैं।
इससे गधे की आंखें खुल जाती हैं और वह बहुत ज्यादा खुश हो जाता हैं और वह रोजाना यही हरकत करने लगता हैं।
गधा की इस हरकत से व्यापारी को बहुत नुकसान पहुंचा हैं।
हर बार यही हरकत करने से व्यापारी को समझ आ जता हैं। आखिर क्यों गधा नदी पार करते समय गिर जाता हैं?
उसने एक तरकीब सोची अबकी बारी बोरी में उसने नमक के जगह रुई लाद कर गधा को लेकर शहर की ओर चल दिया।
जैसे ही नदी करीब पहुंचता हैं गधा जानबूझकर उस नदी में गिर जाता है
पानी में गिरने से रूई का वजन बहुत ज्यादा बढ़ जता हैं जिससे गधे से उठा नहीं बनता तब जाकर व्यापारी बोलता हैं “हमको बेवकूफ समझ रहे हैं ना अब तुम्हें समझ आया मैंने क्या किया”
सिख :- कभी भी ज्यादा चालाकी नहीं दिखानी चाहिए, वरना आपके लिए भी घातक भी साबित हो सकती हैं।