दंग रह जाना मुहावरे (Idiom)का अर्थ – “आश्चर्यचकित होना“। तात्पर्य है कि आप अपने आस-पड़ोस में कई चीजें ऐसे देखते होंगे जिसकी आप उम्मीद ही नहीं कर सकते वह चीजें हो जाती हैं अचानक तो आपके मन में कुछ आश्चर्यचकित भाव आते हैं आप आश्चर्यचकित(Surprised) हो जाते हैं
मान लीजिए इसका जो अर्थ है दंग रह जाना इसी का छोटा रूप है आश्चर्यचकित हो जाना इसीलिए कोई ऐसी बात होती है जिसका आप कल्पना भी नहीं कर सकते लेकिन अगर वह हो जाए तो आप उसे देखकर दंग रह जाते है।
दंग रह जाना मुहावरे(Idiom) का प्रयोग
- हमेशा खेलने वाला लड़का रहे रमेश अचानक पढ़ने बैठ गया इसको देखकर उनके माता-पिता दंग रह गए।
- जब लोगों ने देखा कि जादूगर ने अपने डिब्बे में नेवले को बंद किया और निकाला सांप को तो लोग इसे देखकर दंग रह गए।
- हमेशा भौंकने वाला कुत्ता अचानक शांत हो गया इसे देखकर लोग दंग रह गए।
- हमेशा प्रसन्न रहने वाला आदमी अचानक फांसी लगा लेता है इसे सुनकर लोग दंग रह जाते हैं।
- हमेशा खुश रहने वाला बॉलीवुड का सितारा सुशांत सिंह राजपूत की अचानक मृत्यु होने पर पूरा देश दंग रह गया।
- सभी को सुरक्षा का उपदेश देने वाले अमिताभ बच्चन को अचानक करो ना होने से पूरा देश दंग रह गया।
दंग रह जाना मुहावरे(Idiom) पर कहानी
“दंग रह जाना” मुहावरे का अर्थ Story-1
एक बार की बात है एक गांव में एक परिवार रहता था उस परिवार में बहुत दिनों से लड़के का जन्म नहीं हो रहा था उस परिवार में एक लड़की थी लेकिन उनके पिता रमेश के मन में एक लड़के की चाहत थी कुछ समय बाद उन्हें एक वरदान के रूप में पुत्र मिला (जन्म हुआ) और रमेश को बहुत इंतजार के बाद एक पुत्र मिला था
इसलिए उसे बचपन से ही लाड प्यार मिलने लगा वह कोई भी गलती करता चाहे वह छोटी हो या बड़ी गलती हो उसे आसानी से माफी मिल जाती थी लेकिन वहीं पर जो छोटी लड़की सीमा थी उसे माफी नहीं मिलती थी क्योंकि वह लड़की थी आप लोग समझ ही रहे होंगे लड़कियों को लोग क्या समझते हैं लेकिन यह लोगों के सबसे बड़ी गलती होती है।
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इसी क्रम में समय बीतता गया रोज यह चलता रहता था विनीत गलती करता था और उसकी बहन सीमा डांट खाती थी। क्योंकि सीमा के पिता अपने पुत्र से बहुत प्यार करते थे क्योंकि बहुत दिनों के बाद पुत्र को पाया था।सीमा तो स्कूल पहले ही जाती थी लेकिन उसके साथ विनीत भी अभी स्कूल जाने लगा था वह स्कूल में पढ़ाई एकदम नहीं करता था केवल शिक्षक को परेशान करता था और बच्चों को परेशान करता तथा उन्हें पढ़ने नहीं देता लेकिन उसके पिता उसे कुछ नहीं कहते थे ।
क्योंकि आपको पता ही कि विनीत अपने पिता का बहुत लाड़ला था अब धीरे-धीरे समय बीतता गया दोनों बड़े हो गए अब पिता रमेश ने सीमा के लिए शादी खोजना प्रारंभ कर दिया वह चाहते थे कि अपने लड़की सीमा की जल्दी शादी करने जिससे मेरे सर से इसका बोझ हल्का हो जाए कुछ दिनों बाद रमेश सीमा के लिए शादी खोजने निकल पड़ा और एक अच्छे घर का लड़का पढ़ा लिखा और संस्कारी मिल गया अब शादी की बात चलने लगी और कुछ दिनों के बाद सारी तैयारियां हो गई और सीमा की शादी उसके पिता रमेश ने कर दी अब सीमा अपने घर चली गई।
कभी-कभी सीमा आती थी अपने पिता से मिलती थी और फिर चली जाती थी। आप तो जानते ही हैं कि बेटियां पराई धन होती हैं अब धीरे-धीरे समय बीता गया अब कुछ दिनों बाद विनीत की शादी के लिए रिश्ते आने लगे क्योंकि विनीत भी शादी के लायक हो गया था रमेश के पिता ने एक अच्छे घर पर इसकी शादी तय कर दी लेकिन लड़की कुछ दुष्ट स्वभाव की थी उसका परिवार अच्छा था लेकिन लड़की का विचार ठीक नहीं था अब विनीत का विवाह हो गया अब रमेश के घर में रमेश उसका पुत्र विनीत और विनीत की पत्नी रहती थी।
आपको पता ही है विनीत का संस्कार ठीक नहीं था अब क्या हुआ एक दिन घर में ढेर सारे पैसे रखे थे उस पैसे को विनीत की पत्नी ने रख लिया और चोरी विनीत के पिता रमेश को लगा दी। विनीत के पास आप जानते हैं संस्कार नहीं था उसने अपने पिता से झगड़ा किया और चोरी का इल्जाम लगाया और उसे घर से निकाल दिया।
इस दृश्य को देखकर गांव के लोग आश्चर्यचकित रह गए और भाई आश्चर्यचकित क्यों ना हो आप जानते ही हैं जिस बेटे को अपने प्राणों से बढ़कर माना वही बेटा अपने पिता को घर से बाहर निकाल दिया। इस दृश्य को देखकर गांव वाले दंग नहीं होंगे तो क्या होंगे।
इस कहानी से आप दंग रह जाना मुहावरे का अर्थ(Dang reh Jana muhavare ka Arth) समझ गए होंगे।
“दंग रह जाना“ मुहावरे का अर्थ Story-2
एक बार की बात है स्वामी विवेकानंद जी के पास पुस्तक खरीदने के लिए पैसे नहीं थे वह बाजार में जाते थे पुस्तकों को देखते थे लेकिन पैसे होने ना होने के कारण वह खरीद नहीं पाते थे उसे बाजार में ही थोड़ा देख लेते थे उसके बाद घर चले आते थे कुछ दिनों बाद वह बाहर पढ़ाई करने गए उन्होंने स्कूल के ही पुस्तकालय में से रोज एक पुस्तके लेते थे और उसे दूसरे दिन वापस कर देते थे
फिर एक मोटी पुस्तके लेते थे फिर वापस कर देते यह क्रम रोज चलता रहा महीनों ए क्रम चलता रहा उन्होंने कई सारी किताबें एक दिन बाद वापस कर दी तो पुस्तकालय एक ने दिन गुस्सा होकर बोला कि आप पुस्तकें पढ़ते तो है
नहीं आज ले जाते हैं कल आकर दे देते हैं स्वामी विवेकानंद जी बोले आप पुस्तक को खोलिए और इसमें से किसी किसी पेज से आप हम से क्वेश्चन पूछे तो पुस्तकालय वाले ने किताब को खोला और किसी पेज उसने क्वेश्चन पूछा विवेकानंद फटाक से उत्तर दिया और पेज नंबर के साथ उत्तर दिया विवेकानंद के प्रतिभा को देखकर पुस्तकालय वाला दंग रह गया (आश्चर्यचकित) और उन्होंने कहा कि आप प्रतिदिन पुस्तक ले जाइए हमें कोई दिक्कत नहीं है इसे आप समझ गए होंगे दंग रह जाना(Dang reh Jana muhavare) कि मुहावरे का अर्थ के बारे में।
Conclusion( आपने क्या सीखा)
आपको हमने दंग रह जाना मुहावरे का अर्थ(Dang reh Jana muhavare) तथा साथ-साथ वाक्य प्रयोग और उससे संबंधित आप को समझाने के लिए कहानी को भी प्रस्तुत किया जिससे आप समझ गए होंगे कि दंग रह जाना से क्या तात्पर्य होता है अगर आपको हमारे द्वारा दी गई जानकारी अच्छी लगी हो पसंद आई हो तो शेयर जरूर करें और सब्सक्राइब करना मत भूलिए जिससे आपको हमारी नई नई अपडेट मिलती रहेगी।