Sawan 2023 सावन महीने का व्रत:-सावन का महीना यानी चारों ओर हरियाली ही हरियाली भगवान शिव भोलेनाथ की पवित्र महीना 08 अप्रैल से शुरू हो गई हैं। इस बार भगवान शिव शंकर का पवित्र महीना की शुरुआत सोमवार के दिन ही हुआ हैं जो कि भगवान शिव शंकर का प्रिय दिन माना जाता हैं। वहीं इस बार की सावन की समाप्ति भी सोमवार को ही होने वाली हैं।
विद्वानों के द्वारा कहे जाते हैं की सोमवार व्रत को करने मात्र से ही भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाता हैं। भगवान शिव जी को प्रसन्न करने के लिये यह सावन का सोमवार व्रत विशेष माने जाते हैं. सुखी वैवाहिक जीवन की कामना पूर्ण करने हेतु भगवान शिव की यह पावन पर्व सोमवार व्रत रखने की मान्यता हैं।
Sawan 2023 सावन सोमवार व्रत का तारीख
- सावन का पहला सोमवारी- 10 जुलाई, 2023 तिथि अष्टमी हैं।
- सावन के दूसरे सोमवार- 17 जुलाई, 2023 तिथि अमावस्या हैं।
- सावन का तीसरा सोमवार- 24 जुलाई 2023 तिथि षष्ठी हैं।
- सावन के चौथे सोमवार- 31 जुलाई 2023 तिथि त्रयोदशी में हैं।
- सावन का पाँचवें सोमवार- 7 अगस्त, 2023 तिथि सप्तमी हैं।
- सावन का छठा सोमवार – 14 अगस्त, 2023 तिथि सप्तमी
- सावन का सातवां सोमवार- 21 अगस्त, 2023 तिथि नागपंचमी
- सावन का आठवां सोमवार- 28 अगस्त 2023 तिथि द्वादशी
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सावन महीने का महत्व
भगवान शिव के प्रिय महीना सावन में शंकर जी की विशेष पूजा अर्चना की जाती हैं। भक्ति इस महीने सोमवार के व्रत को रखते हैं. इस दिन को सोमवार के नाम से भी जाने जाते हैं इस नाम से भी यह व्रत प्रसिद्ध हैं।
कहा जाता हैं भगवान शिव शंभु इस पवित्र मास में सोमवार व्रत को करने वाले भक्तों से प्रसन्न होकर अपने भक्तों के सभी मनोकामनाएं को पूरी करते हैं।
सावन के महीने में भक्त गंगा नदी या अन्य पवित्र नदियों से जल व शिव के अति प्रिय पुष्प से भगवान शिव के शिवलिंग पर जलाभिषेक करते हैं. जिसके द्वारा देवों के देव महादेव को प्रसन्न करने का प्रयास किया जाता हैं
विशेषताएं
सावन महीना में देवों के देव महादेव की पूजा आराधना का विशेष विधान हैं. हिन्दू पंचांग के अनुसार सावन का महीना वर्ष का पाँचवें महीना हैं तथा अंग्रेजी कैलंडर के मुताबिक सावन का यह पवित्र महीना जुलाई-अगस्त में आते हैं।
शिव पुराण के मुताबिक जो कोई व्यक्ति इस महा पर्व सोमवार को करता हैं भगवान भोलेनाथ उसके समस्त दुःख और मनोकामनाएं को पूर्ण करते हैं। सावन के महीने लाखों श्रद्धालुओं ज्योतिलिंग के दर्शन के लिए काशी, हरिद्वार, उज्जैन, देवघर, इत्यादि और भारत के कई पवित्र स्थान पर जाते हैं।
सावन की इस पावन पर्व पर भक्तों द्वारा कांवड़ यात्रा का भी विशेष महत्व हैं इस दौरान शिव जी के भक्त देवभूमि जो कि उत्तराखंड में स्थित शिव नगरी हरिद्वार और गंगोत्री धाम की यात्रा करते हैं।
वे इन तीर्थ स्थल से गंगा जल से भारी कांवड़ को अपनी कंधा पे रख कर पैदल लाते हैं फिर गंगा जल को शिव जी के ज्योतिलिंग पर चढ़ाते हैं।सालाना होने वाली इस यात्रा में भाग लेने वाले श्रद्धालुओं को कावड़िया अथवा कांवरिया कहा जाता हैं।
सावन के पवित्र महीने में भक्तों द्वारा तीन व्रत रखे जाते हैं।
- सावन सोमवार व्रत- श्रवण मास में सोमवार के दिन जो व्रत रखें जाते हैं उसे सावन सोमवार व्रत कहा जाता हैं।
- सोलह सोमवार व्रत- सावन को शिव जी के प्रिय महीना माना जाता हैं इसलिए जो भी श्रद्धालु सोलह सोमवार व्रत को प्रारंभ करना चाहते/चाहती हैं यह समय काफी शुभ माना जाता हैं।
- प्रदोष व्रत- सावन में भगवान शिव और माँ पार्वती के विशेष आशीर्वाद प्राप्त करने हेतु प्रदोष व्रत प्रदोष काल तक रखें जाते हैं।
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