प्रस्तावना- प्रत्येक देश और जाति के लोग त्योहार मानते हैं त्यौहार मनुष्य के जीवन में आनंद उत्पन्न करते हैं। भारत त्यौहारों का देश है. यहां अनेक त्यौहार मनाये जाते हैं उनमें रक्षाबंधन एक प्रमुख त्योहार प्रमुख त्योहार है. यह त्यौहार प्राचीन काल में विद्या और विद्वानों का था
परंतु आज यह भाई – बहन का त्यौहार हो गया है। भाई बहनों का पर्याय है जो कि ईश्वर का वरदान हैं रक्षाबंधन की यह पवित्र कहानी इस प्रकार है कि रक्षाबंधन प्रतिवर्ष सावन मास की पूर्णमासी को मनाया जाता है इसे राखी का त्यौहार कहते हैं यह परंपरा सारे संसार में फैली हुई है
मनाने का कारण
इस त्यौहार की शुरुआत बहुत पहले हुई थी इस त्यौहार को श्रावणी भी कहा जाता है प्राचीन काल में जब श्री कृष्ण का जन्म हुआ था द्वापर युग में तो श्री कृष्ण ने बड़े होकर जब पांचाली द्रोपदी का अपमान हो रहा था तब श्री कृष्ण ने उन्हें अपमानित होने से बचाया था
तब द्रौपदी ने श्री कृष्ण को अपने भाई के रूप में स्वीकार किया था और उन्हें राखी बांधी थी तब से यह महापर्व के रूप में जाना जाने लगा और हिंदू धर्म में यह राखी बंधन रक्षा बंधन के नाम से विख्यात हो गया इसमें भाई बहनों का एक संगम होता है
और इस पवित्र रिश्ते को एक अनोखा नाम दिया गया रक्षाबंधन तब से यह परंपरा चली आ रही है और इसका लोग उत्सव एवं सिर झुका कर इस परंपरा का अभिवादन करते हैं और इस परंपरा की से सीख लेते हैं कि हमें अपने बहन से प्यार पूर्वक और और उसे अपमानित होने से बचाना चाहिए
और उसकी सारी अच्छा उनको अपनी इच्छा समझकर पूरी करनी चाहिए यही एक संसार में रिश्ता होता है जो लड़ाई झगड़ा प्रेम इत्यादि से भरा होता है और यह यह सिर्फ खून के रिश्ते तक सीमित नहीं होता है बल्कि पूरे संसार की बहनों तक होता है इसकी कोई सीमा नहीं होती है भाई बहनों का प्यार अनमोल है।
तैयारियां
रक्षाबंधन की तैयारी बहुत धूमधाम से होती है इस त्यौहार में मिठाइयां बन्नी एक हफ्ते पहले से ही शुरू हो जाती है बाजारों में राखियों की बहार होती है राखी बहुत जोर शोर से बिक रही होती है
यह त्यौहार सभी भाई बहनों को एक साथ बांध देता है जिसे तोड़ना ईश्वर की भी बस में नहीं है रक्षाबंधन के दिन प्रत्येक बहन एक थाली में मिठाई रोली रक्षा सूत्र और मिठाइयां भाई को राखी बांधकर चंदन लगाती है और मिठाई खिलाती है और भाई अपने प्रेम पूर्वक उसे उपहार देता है और आशीर्वाद देता है
आर्य समाज मंदिर में श्रावणी का पर्व मनाया जाता है हवन यज्ञ होने के बाद प्राचीन काल में मनाए जाने वाले महत्व को बताया जाता है तथा वेद की कथा सुनाई जाती है वेद प्रचार हेतु 1 सप्ताह तक यह कार्यक्रम प्रतिदिन चलता रहता है सभी लोग इसका आनंद लेते हैं
और इससे सीख लेते हैं इस त्यौहार में सभी देश को त्याग कर भाई दूर-दूर से अपने बहनों के पास राखी बनवाने जाते हैं और प्रेम पूर्वक इस रिश्ते में मिठास आती है इसीलिए इस रिश्ते को पवित्र माना जाता है जो कि सारे देश को नष्ट करवा देता है और फिर से उमंग भर देता है
इसीलिए इस त्यौहार का नाम रक्षाबंधन रखा गया है ताकि रक्षाबंधन का अर्थ है रक्षा के साथ भाई को बांधना से रथ एक राखी बांधने से भाई को सारे फर्ज अदा करने होते हैं बहन के प्रति और यह भाई करता है इसीलिए इस त्यौहार को ईश्वर का वरदान माना जाता है
उपसंहार
रक्षाबंधन का त्यौहार इस संसार में सर्वोपरि माना जाता है सबसे महत्वपूर्ण माना जाता हैयह त्यौहार भाई बहनों के बीच के देश को नष्ट कर देता है और उन्हें एक रक्षा सूत्र में बांध देता है जो कि एक प्रेम का प्रतीक है अगर इस त्यौहार को विशेष ढंग से मनाया जाए तो देश की हिंदू मुसलमानों की एकता बहुत झड़ हो सकती है
हम ईश्वर से यही प्रार्थना करते हैं कि हमारे मुसलमान भाई भी अपनी बहनों के प्रति रक्षाबंधन के सूत्र को अपनाएं और तभी उनको अपनी बहन के प्रति अपने कर्तव्य का आभास होगा हम देश को यही संदेश देना चाहते हैं कि रक्षाबंधन हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण अंग है
जो आपस में भाई बहनों के बीच दृस को नष्ट करके प्रेम की डोर में बांध देता है यह हिंदू को तक सीमित नहीं है बल्कि हमारे मुसलमान भाइयों से निवेदन करते हैं कि वह अपने बहनों के प्रति अपने कर्तव्य को समझें और इस रक्षाबंधन के सूत्र को अपनाएं तभी हमारे देश का कल्याण होगा
और हमारे समाज का कल्याण होगा ईश्वर यही चाहता है कि हम मनुष्य एक साथ रहे एकजुट होकर रहें ताकि दूसरा कोई हम पर उंगली ना उठा सके ।
राखी की ढेर सारी शुभकामनाएं तथा हम दो पंक्तियां कहना चाहेंगे अपने भाई बहनों के लिए-आपके लिए मेरा दिल यही दुआ करता है की कामयाबी आपके कदम चूमे और आप हमेशा जिंदगी में कामयाब हो. “जय हिंद जय भारत”
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