माता पार्वती और भगवान शिव के बीच व्यक्त यह विचार किया गया कि कलयुग का स्वरूप कैसा होगा। भगवान शिवपुराण के एक प्रसंग में बताते हैं कि जब माता पार्वती भगवान शिव से अमरत्व के ज्ञान का प्राप्त कर रही थीं, तब उनके पुत्र, प्राणनाथ, ने उन्हें कलयुग के बारे में पांच महत्वपूर्ण बातें बताई थीं। ये बातें मानव जीवन में आज भी महत्वपूर्ण हैं और उन्हें समझने का प्रयास करना चाहिए। निम्नलिखित हैं वो पांच बातें:
- सत्य बोलना और सत्य का साथ देना: मानव जीवन में सत्य बोलना और सत्य का साथ देना सबसे बड़े धर्म हैं। झूठ बोलना और झूठ का साथ देना मनुष्य के लिए बड़े पाप हैं। व्यक्तिगत और सामाजिक स्तर पर भी सच्चाई और ईमानदारी का पालन करना अत्यंत महत्वपूर्ण है।
- कर्मों का साक्षी बनना: मनुष्य को अपने कर्मों का साक्षी बनना चाहिए, चाहे वो अच्छे कर्म हों या बुरे। किसी भी कार्य को करते समय उसके असर को समझने और समय के साथ सीखने का प्रयास करना चाहिए।
- मन की निगरानी और संयम: मनुष्य को अपने मन की निगरानी और संयम बनाए रखना चाहिए। अपने मन को नियंत्रित करके ही मनुष्य अपनी इच्छाओं का सामना कर सकता है और उसके द्वारा उत्पन्न होने वाले दुखों को कम कर सकता है।
- मोह और अटूट भक्ति का त्याग: मनुष्य को अपनी इच्छाओं और मोहों का त्याग कर अटूट भक्ति की दिशा में बढ़ना चाहिए। अधीनता की अवस्था से मुक्त होकर मनुष्य अपने कर्मों को सही दिशा में ले सकता है।
- इच्छाओं का नियंत्रण: तृष्णा और इच्छाओं का संयम बनाए रखना मनुष्य के लिए आवश्यक है। इनका संयम रखकर ही मनुष्य दुखों से मुक्त हो सकता है और सच्ची सुख-शांति प्राप्त कर सकता है।
ये बातें माता पार्वती और भगवान शिव के द्वारा उपदिष्ट की गई हैं और आज भी उनके प्रशिक्षण से हम सफल और सजीव जीवन जीने में सहायक हो सकते हैं।